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प्लायर क्या है? इसके प्रकार



  •  प्लायर क्या है :- प्लायर (Plier) एक हैण्ड टूल है, जिसका प्रयोग छोटे छोटे पाटो को पकड़ने, काटने व मोड़ने के लिए करते हैं, यह मुख्यत: CAST स्टील के बनाए जाते हैं। इसके दोनों जॉ रिवेट के द्वारा लगे होते हैं। इसके मुंह के फ्लैट फेस के द्वारा पतली शीटें मोड़ने या पकड़ने और दूसरे गोलाई वाले भाग के कटर (Cutter) द्वारा तारें (Wires) आदि काटी जाती हैं। इसके जॉ (Jaws) हार्ड और टैम्पर (Hard and Temper) किए होते हैं। इसके दो हैण्डल होते हैं जो एक रिवेट (Rivet) द्वारा जुड़े होते हैं। इसे पिवेट (Pivot) भी कहते हैं, यहां पर इसका फलक्रम (Fulcrum) बनता है। इसकी सहायता से कटिंग एक्शन आसानी से हो जाता है। इसका साइज रिवेट के सेन्टर से हैण्डल तक की सीधी दूरी से लिया जाता है।


  • प्रकार (Types)

1. स्ट्रेट प्लायर (Straight Plier) :- इसे साइड कटिंग प्लायर भी  कहते हैं। इसके दोनों जॉ के बीच कटिंग एज (Cutting Edge) बना होता है, जिसके द्वारा तारें (Wires) काटी जाती हैं। इसके हैण्डल पर रबड़ का इन्सुलेशन (Insulation) चढ़ा होता है इसलिए इसका प्रयोग बिजली के कामों के लिए भी किया जाता है।


2. लाँग नोज प्लायर (Long Nose Plier):- इस प्रकार के प्लायर के जॉ लम्बे व नुकीले होते हैं। यदि इसके जॉ आगे से गोलाई में बने हों तो इसे राऊण्ड नोज प्लायर कहते हैं। यदि इसकी नोज आगे से लम्बी व फ्लैट जाती होती है तो उसे फ्लैट नोज प्लायर कहते हैं।


3. डायागोनल प्लायर (Diagonal Plier) :- इसे वायर कटर भी कहते हैं क्योंकि इसका प्रयोग बिजली की तारों को काटने व छीलने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा किसी जॉब इत्यादि को नहीं पकड़ा जाता है।


4. स्लिप ज्वाइन्ट प्लायर (Slip Joint Plier):- इस प्रकार का प्लायर एक से अधिक साइज में खुलता है क्योंकि इसके एक जॉ में रिवेट को सैट करने के लिए दो या अधिक स्लॉट होते हैं, जिनसे इस अलग-अलग साइज में खोल सकते हैं। इसका प्रयोग फ्लैट जॉब या पार्ट को पकड़ने के लिए किया जाता है। इसके जॉ में भी गोलाई में कुछ दांते कटे होते हैं, जिसके द्वारा हम बेलनाकार जॉब को पकड़ सकते हैं। इसके जॉ में छोटी सी धार भी बनी होती है जिससे तार इत्यादि को भी काटा जाता है।


5. पैरेट च (Parrot Wrench):- इसे तोता रैंच कहते हैं । यह भी एक प्रकार का स्लिप ज्वाइन्ट प्लायर है, जिसे हम तीन या चार साइजों में खोल सकते हैं। इसका प्रयोग घरों में वाटर सप्लाई से सम्बन्धित कार्यों के लिए भी करते हैं।


6. गैस प्लायर (Gas Plier):- इस प्लायर के जबड़े (Jaws) गोलाई में होते हैं तथा इनमें दांते कटे होते हैं, जिससे इसकी ग्रिपिंग पॉवर अधिक होजाती है। इसका प्रयोग गैस के नट आदि कसने के लिए किया जाता है।


7. पिन्सर (Pincer):- इस प्लायर के भी दोनों जॉ (Jaws) गोलाई में होते हैं तथा इसकी टांगें फ्लैट होती हैं, जिनके सिरे पर स्लॉट कटा होता है। इस स्लॉट के द्वारा कील को पहले थोड़ा ऊपर उठाया जाता है और उसके बाद गोल जॉ के द्वारा कील को बाहर खींच लिया जाता है। इसका प्रयोग कारपेन्टर शॉप में किया जाता है।




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