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रेती कैसे काम करता है, रेती कितने प्रकार के होते हैं। रेती के बारे में पूरी जानकारी

 आज के इस आर्टिकल में मैं आपको यह बताऊंगा कि रेती कैसे काम करता है किस मटेरियल का बना होता है और किस टाइप के होते हैं इन सब चीजों के बारे में आज हम जानकारी प्राप्त करेंगे


1. रेती एक हाथ से चलाने वाला औजार है इसकी सहायता से हम धातु को आसानी से फिनिश कर सकते हैं या   धातु की मोटाई कम कर सकते हैं।

* रेती हाई कार्बन स्टील की बनाई जाती है।

*रेती को हार्ड एंड टेम्पर करते हैं ।

* रेती के टैंक को नरम रखा जाता है।


2. रेती के प्रकार 

* Flat file

* Round file

* Half Round file 

* Square file

* Triangular file

* Hand file 

* Knife edge file


1. Flat File 

फ्लैट फाईल (Flat File)-
यह रेती आयताकार सैक्शन की होती है। यह चौड़ाई तथा मोटाई में 2/3 लम्बाई तक समान्तर 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। सभी साधारण कामों के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
यह लम्बाई में 450mm तक होती है।







2. Round File 

राऊंड फाईल (Round File)-

* इसे गोल रेती कहते हैं।

* इसका क्रास सैक्शन गोल होता है। 

* यह भी 2/3 लम्बाई तक एक ही व्यास में समान्तर होती है जबकि 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है।

 * इसका प्रयोग गोल स्लॉट बनाने तथा छोटे व्यास के सुराखों को बड़े साइज़ में बनाने के लिए किया जाता है।






3. Half Round File


हाफ राऊंड फाईल (Half Round File)-


*(अर्द्धगोल रेती) 


*इसका क्रास सैक्शन अर्द्धगोल होता है। 


*इसका एक फेस फ्लैट (Flat) और दूसरा अर्द्धगोलाई में होता है।


* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और 1/3 लम्बाईमें प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। 


*इसका प्रयोग कन्केव और कन्वैक्स (Con-cave and Convex) की गोलाई बनाने के लिए किया जाता है। 


*इससे भी छोटे सुराखों को बड़ा किया जाता है।






4. Square File

स्कवायर फाईल (Square File)-

*इसका क्रास सैक्शन वर्गाकार होता है 

* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की

कर उसके पास तरफ टेपर होती है। 

*इसे चौरस रेती भी कहते हैं। 

*इसका प्रयोग आयताकार व वर्गाकार ग्रूव और स्लॉट बनाने के लिए किया जाता है। 

*इसके फेस पर डबल कट कटे रहते हैं।





5. Triangular File

त्रिकोणी रेती (Triangular File)-

* इसका क्रास सैक्शन त्रिभुज के आकार का होता है 

* इसका प्रत्येककोण 60° का होता है। 

* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। 

*इससे 60° से बड़े कोण वाले ग्रूव या स्लॉट बनाए जाते हैं। 

*इसे थ्री स्कवायर फाईल (Three Square File) भी कहते हैं।







6. Hand File 

हैंड फाईल (Hand File)-

* इसका क्रास सैक्शन फ्लैट फाईल की भांति आयताकार होता है । 

* यह चौड़ाई में समान्तर और मोटाई में टेपर होती है।

* एक ऐज पर दांते नहीं होते। 

* इसलिए इसे सेफ ऐज फाईल (Safe Edge File) भी कहते हैं । 

*इसका प्रयोग 90° के कोण पर बनी शुद्ध साइड को बचाने के लिए किया जाता है







7. Knife Edge File


नाइफ एज फाईल (Knife Edge File)- चाकू की धार की तरह होती है। इसके दोनों फेस 10 डिग्री के कोण (Angle) पर बने होतेहैं ।
 यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। इसका प्रयोग अलग-अलग प्रकार के 'की-वे' (Key
Ways) व स्लॉट बनाने के लिए किया जाता है। तथा 10 डिग्री से अधिक के कोण वाली सतह को इसके द्वारा फाईल (File) किया जाता है।








सामान्य प्रयोग में आने वाली रेतीयां हैं-


1. फ्लैट फाईल (Flat File)-

* यह रेती आयताकार सैक्शन की होती है। 

*यह चौड़ाई तथा मोटाई में 2/3 लम्बाई तक समान्तर

* 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। 

*सभी साधारण कामों के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

* यह लम्बाई में 450mm तक होती है।


2. राऊंड फाईल (Round File)-

* इसे गोल रेती कहते हैं।

* इसका क्रास सैक्शन गोल होता है। 

* यह भी 2/3 लम्बाई तक एक ही व्यास में समान्तर होती है जबकि 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है।

 * इसका प्रयोग गोल स्लॉट बनाने तथा छोटे व्यास के सुराखों को बड़े साइज़ में बनाने के लिए किया जाता है।



3. हाफ राऊंड फाईल (Half Round File)-

*(अर्द्धगोल रेती) 

*इसका क्रास सैक्शन अर्द्धगोल होता है। 

*इसका एक फेस फ्लैट (Flat) और दूसरा अर्द्धगोलाई में होता है।

* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और 1/3 लम्बाईमें प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। 

*इसका प्रयोग कन्केव और कन्वैक्स (Con-cave and Convex) की गोलाई बनाने के लिए किया जाता है। 

*इससे भी छोटे सुराखों को बड़ा किया जाता है।



4. स्कवायर फाईल (Square File)-

*इसका क्रास सैक्शन वर्गाकार होता है 

* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की

कर उसके पास तरफ टेपर होती है। 

*इसे चौरस रेती भी कहते हैं। 

*इसका प्रयोग आयताकार व वर्गाकार ग्रूव और स्लॉट बनाने के लिए किया जाता है। 

*इसके फेस पर डबल कट कटे रहते हैं।


5. त्रिकोणी रेती (Triangular File)-

* इसका क्रास सैक्शन त्रिभुज के आकार का होता है 

* इसका प्रत्येककोण 60° का होता है। 

* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और 1/3 लम्बाई में प्वाइन्ट की तरफ टेपर होती है। 

*इससे 60° से बड़े कोण वाले ग्रूव या स्लॉट बनाए जाते हैं। 

*इसे थ्री स्कवायर फाईल (Three Square File) भी कहते हैं।



6. हैंड फाईल (Hand File)-

* इसका क्रास सैक्शन फ्लैट फाईल की भांति आयताकार होता है । 

* यह चौड़ाई में समान्तर और मोटाई में टेपर होती है।

* एक ऐज पर दांते नहीं होते। 

* इसलिए इसे सेफ ऐज फाईल (Safe Edge File) भी कहते हैं । 

*इसका प्रयोग 90° के कोण पर बनी शुद्ध साइड को बचाने के लिए किया जाता है


7. नाइफ एज फाईल (Knife Edge File)- चाकू की

* धार की तरह होती है। इसके दोनों फेस 10 डिग्री के कोण (Angle) पर बने होतेहैं ।

* यह भी 2/3 लम्बाई में समान्तर और लम्बाई में प्वाइन्ट की

तरफ टेपर होती है। 

* इसका प्रयोग अलग-अलग प्रकार के 'की-वे' (Key

Ways) व स्लॉट बनाने के लिए किया जाता है। तथा 10 डिग्री से अधिक के कोण वाली सतह को इसके द्वारा फाईल (File) किया जाता है।






 Types of File according to shape

फाईल का वर्गीकरण आप किस प्रकार करेंगे?


1. लम्बाई के अनुसार (According to Length)- सबसे पहले रेती
की लम्बाई का माप आता है। काम के अनुसार रेती की लम्बाई का चयन किया जाता है। लम्बाई के अनुसार रेतीयां 100 mm, 150, 200, 250,300,350,400 और 450mm की होती हैं।


2. शक्ल के अनुसार (According to Shape)-
शक्ल के अनुसार रेतीयां सात प्रमुख प्रकार की होती हैं-

1.फ्लैट फाईल (Flat File)
2. राऊण्ड फाईल (Round File)
हाफ राऊण्ड (Half Round File)
4. स्कवायर फाईल (Square File)
5. ट्राईएंगुलर फाईल (Triangular File)
6. हैण्ड फाईल (Hand File)
7. नाइफ एज फाईल (Knife Edge File)


3. ग्रेड के अनुसार (According to Grade)-अर्थात् फेस पर प्रति
वर्ग से.मी. दांतों की संख्यानुसार पांच प्रकार के ग्रेड की रेतीयां होती हैं-
1.रफ फाईल (Rought File)
2. बास्टर्ड फाईल (Bastard File)
3.सैकेण्ड कट फाईल (Second Cut File),
4. स्मूथ फाईल (Smooth File)
5. डैड स्मूथ फाईल (Dead Smooth File)


4. कट के अनुसार (According to Cut)-कट के अनुसार रेतीयां
पांच प्रकार की होती हैं-
1. सिंगल कट फाईल (Single Cut File)
2. डबल कट फाईल (Double Cut File),
3. स्पाइरल कट (Spiral Cut)
4. कर्वड कट (Curved Cut)
5. रास्प कट (Rasp Cut)




ग्रेड के अनुसार रेतीयों के प्रकार व प्रयोग लिखो।


*फाईल (रेती) के फेस पर दांते कटे होते हैं। उनकी प्रति वर्ग से.मी. जो संख्या होती है, उसे रेती का ग्रेड (Grade) कहते हैं।
* ग्रेड के ऊपर ही रेती की कटाई की मात्रा निर्भर करती है। 

ग्रेड के अनुसार निम्नलिखित प्रकार की होती हैं-


1. रफ फाईल (Rough File)-इसमें प्रति वर्ग से.मी. 8 से 10 दांते होते |
हैं। इसका प्रयोग ज्यादा धातु काटने के लिए किया जाता है।
 


2. बास्टर्ड फाईल (Bastard File)-इसके फेस पर 10 से 12 दांते प्रति |
वर्ग से.मी. में होते हैं। इसके दांते रफ फाईल की अपेक्षा कुछ बारीक होते हैं। इसका प्रयोग भी अधिक धातु काटने के लिए किया जाता है



3. सेकेण्ड कट फाईल (Second Cut File)-इस फाईल के फेस पर
14 से 16 दांते प्रति वर्ग से.मी. कटे होते हैं। इसका प्रयोग फिटिंग सैक्शन में किया जाता है। 
*जब धातु कम मात्रा में काटनी होती है और जॉब का साइज़ बनानाहोता है।



4. स्मूथ फाईल (Smooth File)-इस ग्रेड की फाईल में 20 से 24 दांते
प्रति वर्ग से.मी. होते हैं। इसके द्वारा जॉब को शुद्ध साइज़ में बनाया जाता है।
इसके द्वारा तैयार सतह स्मूथ अर्थात् चिकनी होती है। 



5. डेड स्मूथ फाईल (Dead Smooth File)-इसके फेस पर 28 से 35
दाते प्रति वर्ग से.मी. होते हैं। इसके द्वारा बहुत कम मात्रा में धातु को काटा जाता है। इसका प्रयोग जॉब की फिनिशिंग (Finishing) के लिए किया जाता है।






फाइलिंग करने की विभिन्न विधिया

किसी  जॉब की सतह को तीन विधियों द्वारा फाईल किया
जाता है-

1. स्ट्रेट फाइलिंग (Straight Filing)
2. क्रास फाइलिंग (Cross Filing)
3. ड्रा फाइलिंग (Draw Filing).



1. स्ट्रेट फाइलिंग (Straight Filing)-इस विधि में जॉब की सतह की
फाइलिंग वाइस के सामने खड़े होकर की जाती है। इसमें रेती को सीधे चलाया
जाता है अर्थात् रेती को जॉब की लम्बाई या चौड़ाई के समान्तर चला
है।  इस विधि में फाईल (File) का सन्तुलन (Balance) बनाए रखना
अधिक महत्त्वपूर्ण होता है, अन्यथा सतह समतल नहीं बनेगी।
जाता




2. क्रास फाइलिंग (Cross Filing)-इस विधि को डायगॉनल फाइलिंग
(Diagonal Filing) भी कहते हैं, क्योंकि इसमें रेती को जॉब के कर्ण के.
अनुसार चलाया जाता है। इस विधि का प्रयोग जॉब के सेन्टर में ऊंचे स्थान को फाईल करने के लिए किया जाता है, जिससे सतह को जल्दी समतल बनाया
जाता है 




3. (Draw Filing)-इस विधि का प्रयोग जॉब की सतह की
फिनिशिंग करने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा सतह के ऊंचे स्थान भी
फाईल किए जाते हैं। इस क्रिया में रेती को बिना हैण्डल के दोनों हाथों से पकड़
कर प्रयोग किया जाता है।








 

Taper of file :- जब हम फाइल का इस्तेमाल करते हैं तो हम पाते हैं कि उसकी एज फाइल के कुछ लंबाई तक समांतर होते हैं अर्थात चौड़ाई एक जैसी होती है परंतु आगे की और अर्थात पॉइंट की तरफ बढ़ते बढ़ते यह चौड़ाई कुछ मात्रा में लगातार कम हो जाती है जैसा कि फ्लैट फाइल की पेपर की लंबाई यही taper of file कहलाती है यह tapir फाइल की पूरी लंबाई का 1/3 भाग होता है ऐसा इसलिए रखा जाता है ताकि एक फाइल की उपयोगिता को बढ़ाया जा सके जैसे कि अगर किसी छोटे ग्रुप में फाइलिंग करनी है तो टिपर वाला भाग उसमें आसानी से डाला जा सके तथा जैसे कि गुरु का साइज बड़ा जाए पीछे का सीधा भाग उसके ग्रुप के फाइलिंग करता जाता है।

Convexity of file:- अधिकतर फाइल में इसका फेस बाहर की और कुछ मात्रा में उभरा होता है यह उभार ही कन्वैक्सिटी और फाइल कहलाती है इसको कभी भी टेपर फाइल से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि या चौड़ाई से संबंधित है तथा फाइल का संबंध मोटाई से होता है अगर हम देखे तो अगर मोटाई एक जैसी होगी तो एक समय पर सभी तीर्थ जॉब की सर्फेस पर लगेंगे जिसकी वजह से कटिंग करने के लिए अधिक दबाव लगाना पड़ेगा इसीलिए ऐसी फाइल जिस की मोटाई एक जैसी हो ऊपर नियंत्रण करना मुश्किल होता है अगर हमें किसी जॉब के surface बिल्कुल फ्लैट बनाना है तो एक जैसी मोटाई वाली फाइल को बिल्कुल सीधा चलाना पड़ेगा परंतु हाथ के सीस एक्शन के कारण ऐसा संभव नहीं होता यह भी फाइल की कन्वर्सिटी रखने का एक मुख्य कारण है।




Pining of file :- फाइलिंग करते करते अगर हम फाइल के face को देखे तो हम यह पाते हैं कि धातु के छोटे-छोटे कटे हुए कण रेती के दांतो के बीच में फस जाते हैं यही pinning ऑफ फाइल कहलाते हैं ऐसा होने से फाइलिंग करते समय हमारे कार्य किए सरफेस पर स्केचेस आने शुरू हो जाएंगे क्योंकि जॉब कि सरफेस पर अब जिन बातों से कटिंग करनी चाहिए उनकी अपेक्षा जो फंसे हुए कण है वह कार्य की surface के संपर्क में आ रहे हैं ऐसी स्थिति होते ही रेती के फेस पर  फाइल कार्ड की मदद से तुरंत साफ कर लेना चाहिए जब भी न्यू फ़ाइल
 को पहली बार प्रयोग में लाना हो तो उसको लकड़ी या नरम धातु जैसे ब्रास या कोपर  चलानी चाहिए ऐसा करने से उसके दाते जल्दी नहीं होते।





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