आज के इस आर्टिकल में बात करेंगे हार्डनेस टेस्ट करने वाली मशीन टूल्स जो यूज की जाती है उनके नाम और कैसे काम करती है इसके बारे में जानते की कोशिश करते है।
सबसे पहले हम जानेंगे कि हार्डनेस क्या होता है।
मशीनों के कुछ पार्ट्स ऐसे होते है, जो ऊपर से हार्ड होते हैं और कठोर होते हैं झटके को सहन कर सकते हैं इस प्रोसेस को करने के लिए हमें कुछ हार्डिंग प्रोसेस करना होता है जैसे कि हमें सिर्फ इसको हार्ड करना है तो हम सरफेस हार्टनिंग करेंगे (surface hardening)
सरफेस hardening करने के भी कई प्रोसेस होते हैं इसके बारे में डिटेल्स में नहीं बताऊंगा पर मेन पॉइंट आपको में बताता हूं क्योंकि आज का हमारा टॉपिक है जो हाटनेस टेस्ट करने वाली मशीन होती है उसके बारे में जानने का
A. Case hardening
B. Nitriding hardening
C. Flame hardening
D. Induction hardening
सबसे पहले बात करी की कौन सी मशीन से ज्यादा यूज़ की जाती है जो ज्यादातर अधिकांश कंपनियां अपने कार्य में यूज की करती है ।
1. रॉकवेल विधि (Rockwell Method) इस विधि में रॉकवैल हार्डनैस टैस्टर का प्रयोग किया जाता है। इसमें दो प्रकार के स्केल प्रयोग किए जाते हैं।
(A) B-Scale इसे HRB कहते हैं।
(B) C-Scale इसे HRC कहते हैं।
'B' Scale में धातु की हार्डनैस चैक करने के लिए हार्ड स्टील बॉल (Hard Steel Ball) जिसका व्यास 1.588 mm होता है। इसके द्वारा तांबा माइल्ड स्टील एल्युमिनियम व उसके अलाय मैटल की हार्डनैस चैक की जाती है। इसके ऊपर कम से कम लोड 10 Kg F का और अधिकतम लोड 100 Kg F का डाला जाता है। इसकी हार्डनैस रेज 0 से 130 नं. तक होती है।
'C' Scale में धातु की हार्डनैस चैक करने के लिए चैक करने वाले टूल के प्वाइन्ट पर डायमण्ड कोन (Diamond Cone) लगा होता है, जिसका कोण 120° होता है । इसके द्वारा हार्ड स्टील की हार्डनैस चैक की जाती है। इसके ऊपर कम से कम लोड 10 Kg F और अधिकतम 150 Kg F का डाला जाता है। इसकी हार्डनैस रेंज HRC 0 से 100 नं. तक होती है। हार्डनैस चैक करने वाले टूल को जब लोड से छोड़ा जाता है तो वर्कपीस में जितना घुसता है, उसकी रीडिंग स्केल पर देखी जाती है। जो हार्डनैस का नम्बर होता है। वाही रीडिंग डायल पर आता है।
2. ब्रिनल हार्डनैस विधि (Brinell Hardness Method)-इस विधि के लिए ब्रिनल हार्डनैस टैस्टर का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग अधिकतर नर्म धातुओं की हार्डनैस चैक करने के लिए करते हैं। जैसे तांबा और उसके अलाय एल्युमिनियम, लैड (Lead) और कास्ट आयरन आदि। इस विधि में हार्डनैस चैक करने वाला टूल हार्ड स्टील की बाल या टंगस्टन कार्बाइड की बाल होती है। इसका व्यास 1, 2, 5 या 10 मि.मी. होता है। इसके ऊपर 100 से 3000 KgF तक लोड डाला जाता है। बिनल हार्डनेस चैक करते समय इसका टूल वर्कपीस में जो वृत्ताकार निशान बनाता है, उसे mm में माईक्रोस्कोप द्वारा चैक किया जाता है। इसमें हार्डनैस का मान इस सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है।
जबकि P = इसमें प्रयोग किया गया लोड KgF में
D = Ball Indentor (Tool) का व्यास
d = चैक करने पर बने impression का औसत व्यास । इसके लिए विशेष चार्ट(Table) भी बने होते हैं, जिनमें बिना किसी गणना के हार्डनेस देख सकते हैं, जिसमें लोड, व्यास (टूल) और निशान का व्यास आपस में मेल खाता हो। (Annexure-I) Brinell Hardness Test में 100,250, 500, 1000, 1500,2000,2500 या 3000 Kgf तक Load Indentation Tool पर डाला जाता है। Tool को हटाने के बाद वृत्ताकार निशान को माइक्रोस्कोप
द्वारा और स्केल पर मि. मी. में मापते है।
3. विकर हार्डनैस विधि (Vicker Hardness Method)-इस विधि में विकर हार्डनैस टैस्टर प्रयोग किया जाता है। यह विधि ब्रिनल की भांति ही होती है। इसमें केवल एक ही साइज का टैस्टिंग टूल प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग अधिक हार्ड मैटेरियल को चैक करने के लिए करते हैं जैसे कटिंग टूल । इस विधि में प्रयुक्त टूल का प्वाइन्ट डायमण्ड (Diamond)
का, व कोनिकल होता है। इसमें 5KgF से 120 KgF (5, 10, 20, 30,50, 100, 120 Kgf) का लोड प्रयोग किया जाता है। इस विधि में वर्कपीस पर जो निशान (Impression) आता है, जिसके विकरण (Diagonal) को माइक्रोस्कोप से चैक किया जाता है।
4. शोर हार्डनेस (Shore hardness) इस विधि में कुछ ऐसे पार्ट्स की हार्डनिंग चेक की जाती हैं। जिस पार्ट को मशीन के पास नहीं ले जाया जा सकता ऐसे पाटो की हार्डनेस चेक करने के लिए shore hardness tester machine का प्रयोग किया जाता है। जैसी मशीनों के बेड इत्यादि इस विधि में डायमंड हैमर को निश्चित ऊंचाई से जॉब पर गिराया जाता है जिससे आए निशान इंप्रेशन को इंडिकेटर पर चेक कर लिया जाता है । जो निशान पार्ट्स पर आता है उसे आसानी ने ग्लास ट्यूब की मदद से पढ़ा जाता है।
दोस्तों आपको यह पोस्ट कैसी लगी, कमेंट करके मुझे बताएं ताकि मुझे थोड़ा मोटिवेशन और मिले ताकी में आप लोगो के लिए इससे भी अच्छे-अच्छे पोस्ट डिटेल्स में लिखता रहा हूं।
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