लैपिंग किसे कहते हैं ? लैपिंग क्यों की जाती है ?

 

लैपिंग (Lapping)


  •  लैपिंग किसे कहते हैं ? लैपिंग क्यों की जाती है तथा लैपिंग के लिए क्या औज़ार सामान चाहिए?

लैपिंग फिनिशिंग की अन्तिम क्रिया है। यह क्रिया ग्राइण्डिंग के बाद पार्ट को ज्यादा शुद्ध साइज में बनाने और फिनिशिंग करने के लिए की जाती है। यह क्रिया पार्ट की अन्दरूनी बाहरी दोनों प्रकार की सतह पर की जाती है। लैपिंग  कारणों से की जाती है-

1. बहुत ही शुद्ध साइज बनाने के लिए।

2.उच्च कोटि की फिनिशिंग प्राप्त करने के लिए।

3. पार्ट की सही फिटिंग प्राप्त करने के लिए।

4. सतहों को इतना समतल बनाने के लिए ताकि दोनों सतह आपस में जुड़ जायें जैसे-स्लिप गेज

 

  • लैपिंग के लिए नेक औजार सामान की आवश्यकता होती है।

1. लैप टूल विभिन्न आकृति

2. लैपिंग कम्पाऊण्ड

3. लैपिंग प्लेट

4. एब्रेसिव बैल्ट लैपिंग मशीन

5. लैपिंग कम्पाऊंड, ऑयल, पैराफिन।

 

  • लपिंग के उद्देश्य क्या-क्या है?

 लैपिंग के उद्देश्य (Purposes of Lapping)-

1. ज्योमितिय परिशुद्धता में सुधार लाना।

2.लैपिंग द्वारा सरफेस फिनिश को संशोधित करना।

3. कम्पोनेंट की उच्च डिग्री की विमांकन शुद्धता प्राप्त करना

4.मैचिंग कम्पोनेंट के बीच फिट की गुणवत्ता को सुधारना

 

लैप क्या है, ये किस धातु के बनाये जाते हैं तथा लैपिंग करने की विधियां ?

लैपिंग करने के लिए जिस टूल का प्रयोग किया जाता है,उसे लैप टूल कहते हैं। यह भिन्न-भिन्न आकृति के बनाये जाते हैं। लेप प्रायः नर्म धातुओं के बनाये जाते हैं

जैसे कास्ट आयरन, पीतल, तांबालैड (Lead), एल्युमीनियम, टिन और कांसा इत्यादि के बनाये जाते हैं, क्योंकि इनकी सतह पर एग्रेसिव कणों को चिपकाया जाता है।एग्रेसिव कणों को दबाय द्वारा चिपकाया जाता है, जिसे चार्जिग कहते हैं।इसके लिए जो एग्रेसिव कण प्रयोग किए जाते हैं, उसे चार्जिग मैटेरियल कहते हैं। जैसे हीरा , कोरण्डम, एमरी, एल्युमीनियम आक्साइड और सिलिकान कार्बाइड आदि। ज्यादा धातु काटने के लिए सिलिकन कार्बाइड एग्रेसिव और फिनिशिंग के लिए एल्युमीनियम आक्साइड के एग्रेसिव प्रयोग किए जाते हैं।

 

  • लेपिंग विधि (Lapping Method)

लैपिंग की क्रिया हाथ द्वारा या मशीन द्वारा की जाती है। सबसे पहले लैपिंग किए जाने वाले पार्ट की आकृति के अनुसार लैंप का चुनाव करते हैं जैसे फ्लैट सर्फेस के लिए (Flat Lap) अन्दरूनी सुराख या अर्द्धगोलाकार सतह के लिए सिलिण्डरीकल लैप, शाफ्ट के लिए रिंग लैप, बड़े व्यास के

सिलिण्डर या गैजिज (Gauges) के लिए फ्लोटिंग लैप का चुनाव किया जाता है। इसके बाद लैप पर लैपिंग कम्पाऊण्ड लगा कर जॉब की लेप की जाने ली सतह पर तेल लगा कर फ्लेट लैच को आगे पीछे या दाएं-बाएं तालाम चाहिए। यह क्रिया तब तक की जाती है, जब तक इच्छित फिनिश प्राप्त हो जाये। यदि किसी रॉड की लैपिंग करनी है तो उसे लेथ मशीन पर बांई कर रिंग लैप द्वारा लैपिंग की जाती है. इसमें भी रिग लैप को आगे पीछे घुमाकर और चला कर लैपिंग की जाती है।

यदि किसी सुराख की लेपिंग करनी है तो सिलिण्डरीकल लैप का प्रयोग किया जाता है। इसमें लैप को ड्रिलिंग मशीन के स्पिंडल मे बांधकर और लेपिंग कंपाउंड लगा कर मशीन को चलाया जाता है और लेप पार्ट के सुराख में ऊपर नीचे चलाया जाता है। जहां ज्यादा मात्रा में लैपिंग करनी हो, वहां पर विशेष लैपिंग मशीन का प्रयोग किया  जाता है।

 

  • वेट  तथा ड्राई लैपिंग से आप क्य, समझते है?

वेट लैपिंग (Wet Lapping) - वेट लैपिंग  में तेल तथा लैप की सरफेस पर एब्रेसिव अधिक होते है जैसे लैप वर्कपीस पर चलता है तो एब्रेसिव के कण भी मूवमैंट करते है।

  • ड्राई लैपिंग (Dry Lapping)

इसमें पहले लैप को चार्ज किया जाता है अत्यधिक तेल तथा एब्रेसिव को पहले धो लिया जाता है और लैप की सतह पर Ambended Abrasive ही शेष बचे होते है इसमें भी लैपिंग करते समय मिट्टी के तेल या पैट्रोल से नमी रखी जाती है। ड्राई विधि से फिनिश की गई सतह से अच्छी फिनिश होती है। कई बार ड्राई लैपिंग की फिनिशिंग को वरियता दी जाती है।

 

  • जहां लैपिंग अलाऊंस अधिक हो वहां किस धातु के लैप प्रयोग किए जाते हैं क्यों ?

जहां पर लैपिंग अलाऊंस अधिक हो वहां तांबे (Copper) और पीतल (Brass) के लैप प्रयोग किए जाते हैं क्योंकि कास्ट आयरन लैप की अपेक्षा यह जल्दी चार्ज होते हैं और कटाई अधिक करते हैं।

 

  • लैपिंग एब्रेसिव कौन कौन प्रयोग किए जाते हैं?


1. 1. एल्युमीनियम आक्साइड (Aluminium Oxide) -यह सिलिकान कार्बाइड की अपेक्षा अधिक चिमड़ा होता है। यह Fused और Unfused फार्म में मिलता है। Fused Aluminium Oxide का प्रयोग नर्म स्टील और नानफैरस मैटल की लैपिंग में किया जाता है जबकि Unfused Aluminium Oxide का प्रयोग अधिक मात्रा में धातु घिसाने के लिए उच्च कोटि की फिनिश के लिए किया जाता है।

2.2. सिलिकान कार्बाइड (Silicon Carbide) - यह बहुत ही कठोर एब्रेसिव होता  इसके ग्रेन बहुत तेज और भंगुर होते हैं। इसका प्रयोग हार्ड स्टील और कास्ट आयरन की लैपिंग के लिए करते हैं। इसके द्वारा भारी मात्रा में धातु को हटाया जाता है।

    3. बोरोन कार्बाइड (Boran Carbide) - डायमण्ड के बाद हार्डनैस में इसी का ही क्रम आता है। इसकी कटिंग क्षमता बहुत अच्छी है लेकिन महंगा होने के कारण इसके द्वारा डाई गेजों की लैपिंग की जाती है।

  4. डायमण्ड (Diamond) - यह सभी एब्रेसिव में सबसे कठोर होता है। इसका प्रयोग छोटे सुराखों की लैपिंग करने के लिए रोटरी लैपिंग में किया जाता है। इसका प्रयोग टंगस्टन कार्बाइड की लैपिंग में किया जाता है। इसके रोटरी डायमण्ड लैप भी तैयार किए जाते है।

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